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शावर तन्त्र शास्त्र | २०५ साधन-विधि
होली, दिवाली अथवा ग्रहण के दिन १०००० को संख्या में जपने से यह मन्त्र सिद्ध होता है। प्रयोग-विधि
नदी के किनारे पहुंच कर, इस मन्त्र को रात्रि के समय १२१ बार पढ़कर सो जाय तो ७ दिन के भीतर स्वप्न में यह ज्ञात हो जायगा कि माल किसने चुराया है और वह कहाँ रखा हुआ है ।
चोरी का पता लगाने का मन्त्र (२)
मन्त्र- 'ॐ नाहरसिंह वीर हरे कपड़े ॐ नाहरसिंह वीर चांवल
चुपड़े सरसों के फक फक करे शाह को छोड़े चोर को
पकड़े आदेश गुरु को।" साधन-विधि
पूर्वोक्त मन्त्र के अनुसार। प्रयोग-विधि
चौकोर रुपया, जिसमें छेद न हो, मँगवा कर उसे दूध से धोये तथा लोबान की धूनी दें। फिर सवा पाव चावल मँगवा कर उन्हें पानी में धोकर गोमूत्र में भिगो कर सुखावे । फिर शनिवार को प्रातः काल धरती को लीप कर उस पर सफेद कपड़ा बिछाबे और कपड़े के ऊपर चावलों को रख कर लोबान तथा गुग्गुल की धूप दें फिर उन चावलों को पूर्वोक्त मन्त्र से ७ बार अभिमन्त्रित कर, रुपये के बराबर चावल तौल-तौल कर उन लोगों को चबाने के लिए दें, जिन पर चोरी करने का सन्देह हो । इस विधि से जब असली चोर उन चावलों को खायेगा तो उसके मुंह से खून निकलने लगेगा।
चोरी का पता लगाने का मन्ला (३)
मन्त्रा----"ॐ सत्तरा सै पोर, चौंसठ से जोगनी, बावन से वीर,
बहत्तर से भैरू, तेरा सै तन्त्र, चौदह सै मन्त्र, अठारा से
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