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शावर तन्त्र शास्त्र | २२५ उक्त मन्त्र का उच्चारण करते हुए गेहूं तथा तिल के आटे का हवन करें तो गड़े हुए धन वाले स्थान पर उपस्थित सर्प आदि जन्तुओं का भय दूर हो जाता है।
उक्त प्रयोग शुभ मास, दिन तथा नक्षत्र आदि का विचार करके करना चाहिए।
ऋण-मोचक मङ्गल-स्योत
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सर्वप्रथम निम्नानुसार संकल्प बाक्य बोलें, तदुपरान्त आगे लिखे अनुसार ध्यान, पूजन, जप आदि करें । सङ्कल्प---"श्रीगणेशाय नमः । ॐ अस्य श्रीमङ्गल स्तोत्र मन्त्रस्य
विरूपाक्ष ऋषिरनुष्टुप छन्दः ऋणहर्ता स्कन्दो देवता धनप्रदो मंगलोधिदेवता मं बीजं गं शक्ति लं कीलकं
समाभीष्ट सिध्यर्थे जपे विनियोगः ॥" ध्यान----"रकामाल्यांवरधरो शक्ति शूल गदाधरः ।
चतुर्भुजो वृषगमो वरदश्च धरासुतः ।। दे होहि भगवन् भौमः काल कांत हर प्रभो ।
त्वयि सर्वमिदं प्रोक्त त्रैलोक्यं सचराचरं ॥" मन्त्र- 'ॐ क्रां की कौं सः मङ्गलाय नमः ।" नामानि----"मङ्गलो भूमि पुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः ।
स्थिरासनो महाकायः सर्वकर्मावरोधकः ॥ लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः । धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः ।। अङ्गारको यमश्चैवसर्व रोगापहारकः । वष्टि कर्त्तापहर्ता च सर्व काम फलप्रदः ॥"
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