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शावर तन्त्र शास्त्र | २०६
प्रयोग-विधि
आवश्यकता के समय कागज के टुकड़ों पर उन व्यक्तियों के अलगअलग नाम लिख, जिन पर चोरी करने का सन्देह हो। फिर प्रत्येक नाम लिखे कागज के टुकड़े को २१ बार मन्त्र से अभिमन्त्रित करके अग्नि में डालना आरम्भ करें। जिन टुकड़ों पर चोर का नाम नहीं होगा, वे सब अग्नि में जल जायेंगे, परन्तु वास्तविक चोर के नाम वाला टुकड़ा आग में डालने पर नहीं जलेगा।
चोरी का पता लगाने का मन्त्र-(६)
मन्त्र-“ॐ मलि मन्त्र चलि ना चले सेत भय कर चले पण नायक
चले यदर मदर चले कोण की शक्ति चले जती हनुमन्त की शक्ति चले। क्यों वंद्यो चले अरडती चले मरडती चले छोरती चले कीला उकोलती चले गाडया उखालती चले, चालि चालि हो भद्र नाम ऋषीश्वर तोस्यों मस्तक टूटे धरणी चुवे श्री महादेव को आज्ञा फुरे पाणिंद्र
स्वाहा।" साधन विधि
मन्त्र संख्या ३ के अनुसार ।
अलगोव की गिहलो देकर उसके ऊपर कटोरी रख दे। उस पर उड़द और बांये पांव के रक्त का छींटा दें। फिर उड़दों को उक्त मन्त्र से १०८ बार अभिमन्त्रित कर कटोरी पर मारै तो कटोरी चलने लगेगी और जिस जगह चोरी का माल रक्खा होगा, वहाँ पहुंच कर रुक जायेगी।
चोरी का पता लगाने का मन्त्रा (१०) मन्त्र- 'ॐ नमो काला भैरू खैचरा भैरू भूचरा भैरू आदि भैरू
जुगादि भैरू जल भैरू थल भैरु अवला वला सर्व जीता रण भैरू एक गुगुल धप धार भैरू आई त्रपुरा देवी ऋद्ध सिद्ध लेती आई चोर का मुख सोखत आई साह का मुख पोखंत आई देवों भैरु जीति तेरी।"
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