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सर्वकार्य-साधक करालिनी- मन्त्रा
शावर तन्त्र शास्त्र | २१३
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मन्त्र -- “ ॐ हूं करि करालिनी क्षं क्षां फट् ।”
विधि
एक पाँव से खड़े होकर उक्त मन्त्र को १०८ बार जपे तथा भोग में बकरी का मांस रखे और फूल चढ़ावें । ६ मास तक नित्य इस प्रयोग को करते रहने से देवी सिद्ध हो जाती है और साधक को मनवांछित वर देती है, जिसके कारण वह सदैव प्रसन्न बना रहता है और उसके सभी कार्य सकुशल सिद्ध सम्पन्न होते हैं । .
धनदा कुबेर-मन्त्र
मन्त्र -- "यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धन धम्यं समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा । "
इस मन्त्र के संकल्प, न्यास, ध्यान तथा पुरश्चरण की विधियाँ निम्नानुसार हैं
सङ्कल्प – 'अस्य वाणरामाक्षर मन्त्रस्य विश्रवा मुनिः वृहती छन्दः शिव निधनो वरो देवता ममोपरि प्रसन्नार्थे जपे विनियोग ।”
अथ कराङ्क न्यास --- "ॐ यक्षाय अङ्ग ुष्ठाभ्यां नमः । ॐ कुबेरायतर्जनीभ्यां नमः
ॐ वैश्रवणाय मध्यमाभ्यां नमः ।
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ॐ धनधान्याधिपतये अनामिकाभ्यां नमः । ॐ धनधान्य समृद्धिमे कनिष्ठिकाभ्यां नमः । ॐ देहि दापय स्वाहा करतल कर पृष्ठाभ्यां नमः ।"
अथ षडङ्गन्यास ---- "ॐ यक्षाय हृदयाय नमः । ॐ कुबेराय शिरसे नमः स्वाहा । ॐ वैश्रवणाय नमः शिखायै वषट् ।