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१६८ / शावर तन्त्र शास्त्र
महादेव गौरा पार्वती के दोहाइ हनुमन्त जती की नोना चमारि की आज्ञा का बातें कुवाचा चूक तो ठाढ़े सूखै
गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोबाचा ।" विधिमन्त्र संख्या २ के अनुसार ।
बाघ बराने का मन्त्र (५)
मन्त्र---"डांडल कालकमुहविकराल विरराक्षदेकरे अहार नामदेव
मेल जटाजाऊ बाघ जोजन सब आठ ।" साधन-विधि
उक्त सभी मन्त्र किसी ग्रहण के समय अथवा दीपावली की रात में १०००० की संख्या में जपने से सिद्ध हो जाते हैं। मन्त्र के सिद्ध हो जाने पर आवश्यकता के समय इनका प्रयोग आरम्भ में वर्णित रोति के अनुसार करना चाहिए।
बाघ बराने का मन्त्रा (६)
मन्त्रा--- "बघ बाँधू बघायन बाँधू बघ के सातों बच्चा बाँधू राह
घाट मैदान बांधू दुहाई वासुदेव की दुहाई लोना चमारी
की छ ।” साधन-विधि
सात मंगलवारों को यह मन्त्र १०८ की संख्या में जपने से सिद्ध हो जाता है। प्रयोग विधि
मार्ग में बाघ के मिलने पर इस मन्त्र को ३ बार पढ़कर उसकी ओर फूक मार देने से बाघ रास्ते से हट जाता है तथा आक्रमण नहीं करता।
मार्ग में सर्प, चोर, नाहर आदि का भय न होने का मन्त्र
मन्त्र--- "फरीद चले पर देश को कुत्तब जी के भाव । सांपां चोरां
नाहरां तीनों दांत बंधाव।"
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