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शावर तन्त्र शास्त्र | १६६
साधन-विधि
. यह मन्त्र किसी शुभ मुहूर्त में १००८ बार जपने से सिद्ध हो जाता है। प्रयोग विधि
मार्ग में जहाँ रात्रि में शयन करना हो, वहां बैठकर तीन बार मन्त्र पढ़कर ताली देने से सर्प, चोर, नाहर आदि का भय उपस्थित नहीं होता।
सर्प भगाने का मन्त्र
नीचे लिने श्लोकों को पढ़कर तीन तालियां बजाकर, रात्रि के समय सो जाने से सपं का भय नहीं होता अर्थान सोते समय सर्प निकट नहीं आता
श्लोक इस प्रकार हैसविसर्प भद्र ते दूर गच्छ महाविष । जन्मेजयस्य यज्ञान्ते आस्तिक्यवचनं स्मर ।। आस्तिक्य वचनं स्मृत्वा यः सर्पो न निवर्त्तते । सप्तधाभिद्यते मूनि वृक्षात्पक्वफलं यथा ।
शूकर तथा मूषक भगाने के मन्त्रा
जिस खेत या घर में शूकर तथा मूषक (चूहों) का उपद्रव हो, वहाँ निम्नलिखित में से किसी एक मन्त्र को स्नानोपरान्त ५ बार पढ़कर, पांच गांठ हल्दो और अक्षत शूकर-मूषकों के आने वाले स्थान पर रख देने से वे भाग जाते हैं तथा वहाँ फिर कभी नहीं आते।
मान्छा ..... हमवंत धावति उदरहि ल्याये बांधि अब खेत
खाय सूअर और घरमां रहे मूष खेत घर छाँड़ि बाहर भूमि जाइ दोहाइ हनुमानक जो अब खेत मुंह सुवर घर महँ मूस जाइ ।"
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