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शावर तन्त्र शास्त्र | १६१
मठ में जाइ गौरा बैठी द्वारे न्हाय ठपकै नउद परे न बोला राजा इन्द्र की दुहाई मेरी भक्ति गुरू की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा ।"
कढ़ाई स्तम्भन मन्त्र (१)
निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक की ठीकरी या नमक की डेली पर ७ बार पढ़ कर चूल्हे में डाल देने से कढ़ाही का स्तम्भन होता है अर्थात् गर्म कढ़ाही ठण्डो पड़ जातो है । अथवा कढ़ाही गर्म करने से भो गर्म नहीं होती। मन्त्र---"महि थांभो महि अरथांभो थांभो माटी सार, थांभनो आपनो बैसन्दर तेलहि करो तुषार ।"
कढ़ाही स्तम्भन मन्त्र (२)
मन्त्र-"वन बाँधौ वन में दिनि बाँधौ बाँधौ कण्ठाधार, तहाँ
थाँभौ तेल तेलाई औ थाँभौ बेसन्दर छार । वन में प्लुशीतलताते लावे जय पार ब्रह्मा विष्णु महेश तीनि अचलकेदार देवी देवी कामाक्षा की दुहाई पानी पन्थ
होई जाइ।" विधिपहले मन्त्र के अनुसार ।
तैल-स्तम्भन मन्त्र
निम्नलिखित मन्त्र को ७ बार पढ़ने से कोल्हू मे तेल निकलना बन्द हो जाता है -- मन्त्र--"तेल थांभौ तेलाई थांभो अग्नि बैसन्दर थांभौ पांच पुत्र
कुन्ती के पांचों चले केदार अग्नि चलन्ते हम चले अगिया परा तुषार ।"
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