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प्रयोग-विधि
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२१ बार मन्त्र को पढ़कर फूँक मारें ।
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शावर तन्त्र शास्त्र | १८३
शींगी मछली के विष का मन्त्र
मन्त्र - "शींगी मौरी मेवताशी मारे मारे दुर्गादशी जैथा लषना ता पोखरा गौरा पैठि नहाहि महादेव पढ़ि फूँकहि विष निर्विष होइ जाइ ।”
साधन-विधि ---
ग्रहण के समय १०००० की संख्या में जपने से मन्त्र सिद्ध हो जाता है ।
प्रयोग-विधि
इस मन्त्र से २१ बार अभिमन्त्रित जल पिला देने से शींगी मछली का विष उतर जाता है ।
शुल- नाशक मन्त्र
मन्त्र -- " कालि कालि महाकालि नमोस्तुते हन हन दह दह शूलं त्रिशूलेन हुँ फट् स्वाहा ।"
साधन-विधि
ग्रहण के समय १०००० की संख्या में जपने से मन्त्र सिद्ध हो जाता है ।
प्रयोग विधि
इस मन्त्र द्वारा २१ बार अभिमन्त्रित जल को पिलाने से सब प्रकार के शूल शान्त हो जाते हैं ।
धरन ठिकाने आने का मंत्र (1)
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मंत्र- " ऊँची नीची धरणी श्री महादेव की सरनी टली धरन आनू ठौर सत सत भाखं श्री गोरखनाथ । "