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१७४ । शावर तन्त्र शास्त्र प्रयोग-विधि
. पीतल की कटोरी में पानी भर कर उसे सुई द्वारा मन्त्र पढ़ते हुए १०८ बार काटें । ७ दिन तक नित्य यही क्रिया करते रहने से पीलिया रोग दूर होता है।
पोलिया का मन्त्रा (२)
मन्त्र--- "ॐ नमो वार वेताल असराल नारसिंह देव खादा तु
. खादी तु पीलिया भेद तु नास्तुनास्तु पीलिया नास्तु ।” साधन-विधि
शुभ मुहूर्त में १००८ बार जपने से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है । प्रयोग विधि
- एक कटोरी में कड़वा (सरसों का तेल भर कर, रोगी के मस्तक पर रख दें। फिर उसे दूब से अभिमन्त्रित करें। जब तेल पीला हो जाय, तब कटोरी को रोगी के मस्तक से नीचे उतार लें। तीन दिनों तक इसी प्रक्रिया को दुहरायें तो पीलिया रोग ठीक हो जाता है।
सीया का मन्त्र
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मन्त्र- 'ॐ नमो कामरू देस कामाख्या देवी जहाँ बसे इस्माइल
जोगी इस्माइल जोगी के तीन पुत्री एक तोड़े एक निछोड़े
एक तो तेजरी तोड़े।" साधन-विधि
पूर्व मन्त्रानुसार। प्रयोग-विधि
रोगी को खड़ा करके जहाँ ठण्ड लगती हो उस स्थान को हाथ से पकड़ कर २१ बार इस मन्त्र को पढ़ कर फूंक मारने से सीया (ठण्ड) रोग दूर हो जाता है।
बवासीर के मन्त्र (१)
मन्त्र-“खुरासान की टीनी साइ, खूनी बादो दोनों जाइ।"
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