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१७२ | शापर तन्त्र शास्त्र
प्रयोग-विधि
जिस रोगी के आधे सिर में (आधा शीशी का) दर्द होता हो, उसे दोपहर १२ बजे के समय किसी खुली जगह में खड़ा करके सूर्य की ओर टकटको बाँध कर देखने को कहे तथा - स्वां ३५ बार मन्त्र का उच्चारण करें। प्रत्येक बार मन्त्र का उच्चारण करने के बाद लकड़ी के कोयले से एक एक खड़ी लकीर पृथ्वी पर खींचता जाय । ३६वीं बार मन्त्र जप करके, उन ३५ लकीरों को एक बड़ी आड़ी लकीर द्वारा काट दें तथा रोगी को एक मिनट के लिए अपनी आँखें पृथ्वी की ओर कर लेने को कहें। तत्पश्चात् पुनः यही क्रिया करें। इस प्रकार इस प्रक्रिया को ३ बार दुहराना चाहिए। तीन बार दुहराने से मन्त्र-जप की संख्या १०८ हो जाती है। इतने से ही रोगी की पीड़ा दूर हो जाती है। इस प्रयोग को गुरुवार एवं शुक्रवार को करना विशेष हितकर रहता है।
सिर दर्द का मन्त्र
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नीचे प्रदर्शित यन्त्र को २ कागजों अथवा भोजपत्र के टुकड़ों पर अलग-अलग लिखें। फिर उन्हें ताबीज में भरकर एक ताबीज को खारी घरती में गाढ़ दें तथा दूसरे को रोगी के सिर में बाँध दें तो सिर का दर्द दूर हो जाता है।
यन्त्र का स्वरूप इस प्रकार है
(सिर दर्द नाशक यन्त्र )
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