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१७० | शाबर तन्त्र शास्त्र कर सिख कर लें। फिर आवश्यकता के समय इस मन्त्र को पढ़ते हए विभूति से चाके तो दुखती आँखों की पीड़ा दूर होगी।
आँख की फूली काटने का मन्त्र
मन्त्र--"उतर कूल काछ सुन जोगी की बाछ इस्माइल जोगी के
दो बेटी एक पाथे चूल्हा एक काटे फुली का काछ फुली
का काछ, फुली का काछ ।" प्रयोग-विधि
पहले इस मन्त्र को किसी ग्रहण के समय १०००० की संख्या में जप कर सिद्ध कर लें, फिर आवश्यकता के समय मन्त्रोच्चारण करते हुए छूरी से पथ्वी पर २१ बार काटने के चिह्न बनायें। ऐसा ७ दिनों तक करते रहने से आँख की फूलो कट जाती है।
नेश-ज्योति रक्षक मन्त्र
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मन्त्र--"अजातश्च सुकन्याश्च चन्दनं शक्रामप्यऊ। भोजनांते
स्मरेत् यस्य तस्य नेत्रं न नश्यति ।" प्रयोग-विधि
नित्य भोजनोपरान्त उक्त मन्त्र को पानी के पात्र पर पढ़ कर, उस पानी द्वारा नेत्रों को धोते रहने से नेत्र-ज्योति नष्ट नहीं होती।
शिरोव्यथा (सिर-दर्द) का मन्त्र (१)
मन्त्र-"निसुनहिरै रोइबदधर मेघ गरजहि निसुनहि कहलु धर
कुफ निवेरी फान डमरू न बजे निसुनहि कहल विन्न पटु
साचभई।" प्रयोग-विधि
पहले ग्रहण के दिन इस मन्त्र को १०००० की संख्या में जप कर सिद्ध कर लें। आवश्यकता के समय २१ बार मन्त्र पढ़ कर रोगी के मस्तक पर फूक मारने से सिर-दर्द दूर होता है।
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