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शावर तन्त्र शास्त्र | १७३ सब प्रकार की पौड़ (बर्व) का मन्त्र
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मन्त्र--"लशकर फरऊन दर रोदनील गर्क शुद ।" साधन-विधि
यह मन्त्र केवल १०८ बार जपने से सिद्ध हो जाता है। प्रयोग-विधि
जहाँ कहीं दर्द हो, वहाँ पीली मिट्टी द्वारा इस मन्त्र को ३ बार लिखें। फिर मिट्टी के बराबर गुड़ तौल कर उसे छोटे बालकों को बाँट दें तो सब प्रकार की पीड़ा दूर हो जाती है ।
पेट-दर्द का मन्त्र
मन्त्र-“ॐ नमो आदेश गुरू को स्याम गुरू परवत स्याम गुरू
परवत में बड़, बड़ में कुवा, कूवा में तीन सूवा, कौन सूवा बाइस बाज हर सूवा पीड़ सूवा भाज भाज बेजार आयगा जती हनुमन्त मार करेगा भसमन्त फुरो मन्त्र
ईश्वरो वाचा।" प्रयोग-विधि
इस मन्त्र द्वारा ३ बार पानी को अभिमन्त्रित कर, वह पानी पेट दर्द के रोगी को पिला देने से दर्द दूर हो जाता है ।
पीलिया का मन्त्र (१)
मन्त्र- 'ॐ नमो आदेश गुरू को रामचन्द्र सर साधा लक्ष्मन
साधा वाण काला पीला राता पीला थोथा पीला पीला पोला चारों झड़ जो रामचन्द्र जी थां के नाम मेरी भक्ति
गुरू को शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा।" साधन-विधि
- यह मन्त्र किसी शुभ मुहूर्त में १००८ बार जपने से सिद्ध हो जाता है।
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