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-८४ | शावर तन्त्र शास्त्र
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देसी, आसण टीको
कांई करसी, आसण छोड़ मंन्ने बंसण चंदन ललाट, टीको काढ़ि सिंह वर्ण कहाऊं और करू सइया तले में बंध्यान, गौरा पार्वती बंध्याने, मैं बध्याया,
गुरु की शक्ति मेरी भक्ति कुरो मंत्र ईश्वरोवाचा ।" साधन एवं प्रयोग विधि
धूप, दीप, नवेद्य रखकर, पार्वतीजी का ध्यान कर, शनिवार के दिन से मन्त्र का जप आरम्भ करे तथा २१ दिन तक नित्य १२१ बार मन्त्र जप कर सिद्ध कर लें । फिर कुकुम, चंदन तथा गोरोचन को गाय के दूध में मिलाकर, उसे अभिमंत्रित करे तथा उसी का तिलक अपने मस्तक पर लगाकर राजा के सम्मुख जाय तो वह वशीभूत हो । राजा वशीकरण मंत्र
मन्त्र – “ ॐ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुक महीपते मे वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।"
विशेष
मन्त्र
उक्त मन्त्र में जहाँ 'अमुक' शब्द आया है, वहाँ जिस राजा (अथवा राज्याधिकारी) को वश में करना हो, उसके नाम का उच्चारण करना चाहिये ।
साधन एवं प्रयोग विधि
रविवार के दिन ओंगा (अपामार्ग ) के पुष्प लाकर, उन्हें इस मन्त्र से २२ बार अभिमंत्रित करके राजा को खिलादें तो वह वशीभूत हो
जायगा ।
राज-कर्मचारी वशीकरण मन्त्र
- ॐ विस्मिल्लाह दाना कुलहु अल्लाह यगाना दिल है सख्त तुम हो दाना, हमारे बीच फलाने को करो दीवाना ।"
विशेष
इस मन्त्र में जहाँ 'फलाने' शब्द आया है, वहाँ जिस अधिकारी को वश में करना हो; उसके नाम का उच्चारण करना चाहिए ।
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