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१५२ | शावर तन्त्र शास्त्र
देते हुए यह कहे कि 'कीड़ा गया। फिर मालिक अपने जानवर के पास पहुंच कर उसे कंकड़ी मार के कहे--'कीड़ा गया। इस प्रयोग से जानवर के कीड़ा झड़ जाते हैं। विशेषयह प्रयोग शनिवार अथवा रविवार को करना चाहिए।
कोड़ा झाड़ने का मन्त्र (४)
मन्त्र---"ॐ नमो कोड़ा रे तू कुड कुडीला लाल पूछ तेरा मुंह
काला, मैं तोहि पूछौं कहां ते आया । तोड़ मास ते सब क्यों खाया । अब तू जाय भस्म हो जाय । गुरू गोरखनाथ के लागू पाय । शब्द सांचा पिण्ड काचा फुरो मन्त्र
ईश्वरोवाचा।" साधन-विधि
मन्त्र संख्या १ के अनुसार। प्रयोग-विधि
उक्त मन्त्र को ७ बार जपते हुए रोगी-पशु को झाड़ा देने से कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
१० रोग नाशक मन्त्र
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मन्त्र--"परवत ऊपर परवत परवत ऊपर फटक सिला फटक
सिला पर अंजनी जिन जाया हनुमन्त ने हजारे हला काख की कलाई पीछे की अदीस कान की कनफेंड़ रात की मद कण्ठ को कण्ठ माला, कुदरने का डहरू डाढ की डढशूल पेट की ताप तिल्ली या इतने को दूर करे भस्मत नातर तुझे अंजनी माता का दूध पीया हुआ हराम मेरी भक्ति गुरू की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा सत्त नाम आदेश गुरू का।"
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