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शावर तन्त्र शास्त्र | १५७
मांड़ बालक को पिला दें। फिर सूत से गण्डे को लपेट कर उसे बालक के
गले में बांध दें ।
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घोंघा को सूत में लपटते समय निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए
मन्त्र
मन्त्र - " घोंघा घोंघा समुद्र घोंघा घोंघा जनि जरु सूत जरें
तो महादेव के जटा जरै ।"
गण्ड भरते समय निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें-
समुद्र के कितजानि जानहु तो पारवती केश आचर जरै
-“ॐ आसन योगी कपूत जंबीरी के पास न कोई श्रवरी गैकरीर कतमासुकी सानी बिआरी जेहिमे बाँधो बाँधि के जडाव धषधीक जाइ कावरू के विद्या कामाक्षा जल विधि नाथ गुरु गोरखनाथ रक्षपाल ।”
बालक को अभिमन्त्रित पानी पिलाने का मन्त्र इस प्रकार हैमन्त्र - " पानी तीनि पानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर जानी शिव शक्ति कुमारी अब छार भार सब तोही की ताइ कहहु कतहूं का होउ धैले आउ बालक के तोके मोके पुण्य जब होय महादेव के जटा परे पारवती के आँचर जो यह बालक दुःख पावैं ।”
बालक को झाड़ने का मन्त्र
मन्त्र - "शंकर यशसामी केशरि ललित केशरि पंचमि वारूणि भूकटेन कुटौकार दंत विकारों तेंतिस कोटि भूत भीमदेव संघारी भीम बालक के छरू अहकहं बालक के ससुखना चोटो खाजौ मोरा कोषें गरुड़ कण्ठे समुद्रतीर गिधिनिउ आवथरोष भस्मत होई जाइ ठौर भक्षिनी स्वाहा । "
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