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शावर तन्त्र शास्त्र | १५५
प्रयोग-विधि
पहले इस मन्त्र को किसी ग्रहण के समय १०००० की संख्या में जप कर सिद्ध कर लें। फिर आवश्यकता के समय इस मन्त्र को पढ़-पढ़ कर रोगी की आँखों पर २१ बार फूक मारें तो रतौंधी की पीड़ा दूर होती है।
नेत्र-रोग नाशक मन्त्र
मन्त्र--"ॐ नमो श्रीराम की धनी लक्ष्मण का बान । आंख दर्द
करे तो लक्ष्मण कुवर की आन । मेरी भक्ति गुरु की
शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा सत्तनाम आदेश गुरु का।" प्रयोग-विधि -
दीपावली की रात्रि में इस मन्त्र को १४४ बार जप कर सिद्ध कर में। फिर इस मन्त्र से पानी को अभिमन्त्रित कर, उससे आँखों को धोये तो नेत्र रोग दूर हों।
बाल रक्षा कर झगड़े का मन्त्र (१)
छोटे बालक के रोग-दोष, नजर लगना, भूत-प्रेत ग्रहादि के कोप से रक्षा करने के लिए निम्नलिखित मन्त्र में से किसी भी एक के द्वारा झाड़ा देने से लाभ होता है।
झाड़ा देना आरम्भ करने से पूर्व मन्त्र को सिद्ध कर लेना आवश्यक है। ग्रहण के समय में प्रत्येक मन्त्र १०००० की संख्या में जप करने से सिद्ध हो जाते हैं। मन्त्र--"उलदेव विहरतषे भगरज श्री नारसिंह देवं ये उरे फलाना
का भेउ ताहि षोडनारसिंह पं षं षं षं षं।" टिप्पणी
उक्त मन्त्र में जहाँ 'फलाना' शब्द आया है, वहाँ बालक के नाम का उच्चारण करना चाहिए।
बाल रक्षा कर झाड़े का मन्त्र (२)
मन्त्र-"आदिनाथ भय हरण कहहु कहवायो ये ही अब डर होयसे
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