________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वन्दी-मोक्षण प्रयोग
वन्दी-मोक्षण के सम्बन्ध में 'वन्दी-मोक्षण' का अर्थ है-बन्धन में पड़े हुए किसी व्यक्ति को बन्धन-मुक्त कराना।
वर्तमान समय में वन्दी व्यक्तियों की दो श्रेणियाँ हैं-(१) जिन्हें न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया हो और जो कारागर में कैदी के रूप में वन्दी-जीवन बिता रहे हों तथा (२) जिन्हें किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह ने अवैध रूप से अपने घेरे में ले रक्खा हो और उसे अपने घर न जाने दे रहे हों। दूसरी प्रकार के बन्दो प्रायः डकैतों द्वारा अपहरण किये गये लोग होते हैं।
वन्दी-मोक्षण के प्रयोग उक्त दूसरी प्रकार के लोगों को बन्धन-मुक्त कराने में विशेष प्रभावकारी सिद्ध होते हैं। साथ ही, कारगार में बन्द 'वन्दी' को भी राहत पहुंचाने वाले सिद्ध होते हैं अर्थात इन प्रयोगों के साधन से यदि कोई व्यक्ति कारागार में बन्द है, तो उसे शीघ्र छोड़ देने के विषय में न्यायालय द्वारा पुनविचार किया जा सकता है तथा इस दिशा में किये गए प्रयत्न सफल सिद्ध हो सकते हैं।
कारागार की सजा प्राप्त वन्दियों के अतिरिक्त अपहरण करके वन्दी बनाये गए लोगों के प्रति इन साधनों का यह लाभ होता है कि अपहरणकर्ताओं की मनःस्थिति बदल जाती है और वे स्वयं के द्वारा वन्दी बनाये गये व्यक्ति को छोड़ देते हैं अथवा वन्दी व्यक्ति को कोई ऐसा सुअवसर उपलब्ध हो जाता है, जिसका लाभ उठाकर वह स्वतः ही घर लौट आता है।
इस प्रकरण में वन्दी-मोक्षण विषयक कुछ मन्त्र-साधनों का उल्लेख किया गया है।
For Private And Personal Use Only