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१२२ | शावर तन्त्र शास्त्र
वन्दी-मोक्ष मन्त्र (१) निम्नलिखित में से किसी भी एक मन्त्र का प्रयोग किसी बन्धन में पड़े हुए मनुष्य (वंदी) को छुड़ाने के लिये किया जाता है— मन्त्र-“ॐ चक्र श्वरी चक्रधारिणी शंख गदा प्रहारिणी अमुकस्य
बंदी खलास ।" टिप्पणी
___ उक्त मन्त्र में जहाँ 'अमुकस्य' शब्द आया है, वहाँ जिस बंदी व्यक्ति को बंधन से छुड़ाना अभीष्ट हो, उसके नाम का उच्चारण करना चाहिए। साधन विधि
सूर्य ग्रहण अथवा दीवाली की रात्रि में यह मंत्र १०००० की संख्या में जपने से सिद्ध हो जाता है । प्रयोग विधिइस मन्त्र को २१ बार पढ़ने से वन्दो व्यक्ति बंधन से छूट जाता है।
वन्दी-मोक्ष मन्त्र (२) मन्त्र- "ॐ गज गतेऽम कुरते दाम डंडस्त फेफेफेत्कार फारै विशिष ज्वाला माला करालं हो हो होनि हातं हसि हसि मनिसभा सपाटा रहा सेहं कारणा नौदौस्ति खन कुरुते सर्वत् मुखं जति ।" साधन एवं प्रयोग विधि-- मन्त्र संख्या १ के अनुसार।
वन्दी मोक्ष मन्त्र (३) मन्त्र-"ॐ छोटि मोटि वेटुकी कानो कटुकइ इताहसा एक विदुजइ ममीजइ सविंदु जाइ अमुका का विबंधि पवंधि दोषो कामाक्षा देवी तेरी शक्ति मेरी भक्ति फुरौ मन्त्र ।
टिप्पणी
इस मन्त्र में जहाँ 'अमुका' शब्द आया है वहाँ वन्दी-व्यक्ति के नाम का उच्चारण करना चाहिए।
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