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शावर तन्त्र शास्त्र | ८५.
साधन एवं प्रयोग विधि
४१ बिनौले लाकर रात्रि के समय प्रत्येक को ४१-४१ बार मन्त्र से अभिमंत्रित कर अग्नि में डालें, तो तीन दिन के भीतर मनोरथ सिद्ध होता अथवा २१ दिनों तक २१ विनौलों पर २१-२१ बार मन्त्र पढ कर, उन्हें जलायें तो मनोरथ पूर्ण हो जायगा।
. शत्रु-वशीकरण प्रयोग
नीचे प्रदर्शित यन्त्र भोजपत्र के ऊपर गोरोचन से लिखकर गन्ध पुष्पादि चढ़ाकर यथाविधि पूजन करें। फिर उसे किसी शहद भरे पात्र (बर्तन) में डालकर रख दें तो जिस शत्रु को वशीभूत करने के उद्देश्य से यह प्रयोग किया जाय, वह साध्य-व्यक्ति के वशीभूत हो जाता है। टिप्पणी
इस मन्त्र के मध्य भाग में जहाँ 'देवदत्त' लिखा है, वहाँ साध्य शत्रु का नाम लिखना चाहिए।
ओखः
ओखः
ओखः
ओवः
ओंखे:
ओवः
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देवदन
आरक
-
औरवः
ओवः
ओ रवः ।
६
५
(शत्रु-वशीकरण यन्त्र)
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