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१०८ | शावर तन्त्र शास्त्र
यन्त्रालेखनोपरान्त ठीकरे को अग्नि में डाल दें तो शत्र को ज्वर आ जायेगा । यदि ठीकरे को अग्नि से बाहर निकाल लिया जायेगा तो उसका ज्वर उतर जायेगा।
यन्ता का स्वरूप इस प्रकार है
११ देवदत्त Et)
( शत्रु ज्वर-कारक यन्त्र ) शत्र को कष्ट देने का मन्त्र
मन्त्र--"ॐ काल भैरू कंकाल का वीर मार तोड़ दुश्मन की
छाती घोट हाथ काल जो काढ़ बत्तीस दाँत तोड़ यह शब्द ना चले तो खरी जोगिनी का तीर छुटे मेरी भक्ति गुरू को शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा सत्यनाम आदेश
गुरू का।" साधन-विधि
ग्रहण, होली अथवा दीपावली के रात में १०००० की संख्या में जपने से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है। प्रयोग-विधि
___ कन्नेर के २१ फूल तथा गूगल की २१ गोली लेकर सबको उक्त मन्त्र से अलग-अलग अभिमंत्रित करें फिर उन्हें सरसों के तेल में डुबाकर, प्रत्येक
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