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११६ | शावर तन्त्र शास्त्र
साधन-विधि
रात के समय शत्रु का ध्यान करके काष्ठ कमीला के ऊपर इस मन्त्र का नित्य १००० की संख्या में जप करें। इस प्रकार ४८ दिन तक मन्त्र जप करते रहने से शत्रु की मृत्यु हो जाती है।
शत्रु-मोहन यन्त्र नीचे प्रदशित यन्त्र को लाल चन्दन द्वारा भोज पत्र पर लिखने के उपरान्त उसका पूजन करें, तत्पश्चात् मन्त्र लिखित भोज पत्र को शहद से भरे हुए बर्तन में डाल दें तो शत्रु सम्मोहित होकर; साधक के वशीभूत हो जाता है।
__ यन्त्र का स्वरूप निम्नानुसार है। इस चित्र के मध्य भाग में जहाँ 'देवदत्त' लिखा है, वहाँ शत्रु का नाम लिखना चाहिए।
देवदत्त
रिवः
Ne/
( शत्र, मोहन यन्त्र )
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