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११४ | शावर तन्त्र शास्त्र
प्रयोग-विधि
आवश्यकता के समय शत्र पर यह मला पढ़कर फूक मारने से उसका बोलना बन्द हो जाता है।
शा के जूता लगने का मन्त्र
मन्त्र— "इम्नामोन सलास मातिन् ।" साधन-विधि
एक माला का नित्य जप करें । जब १०००० की संख्या में जप पूरा हो जाय, तब अमल करना चाहिए। प्रयोग विधि
___ फूल, लोबान, सन्दल, चमेली का तेल, कस्तुरी, अरगजा और दशांग अवर-इन सबको समभाग (बराबर-बराबर लेकर चूर्ण कर लें। फिर इनकी धूप चमेली के तेल में दें और ४० दिन तक अमल करें। तदुपरान्त मिट्टी का एक खूब मजबूत पुतला बनाकर सुखा लें, फिर उसे अपने सामने रखकर बैठे तथा शत्रु का ध्यान करके जीयापोता के १०८ दाने वाली माला पर ऊपर लिखे मन्त्र का जप करें । एक माला का जप पूरा हो जाने पर, उस पुतले की चाँद पर एक जूता मारें। इसी प्रकार १०० माला का जप करें तथा पुतले को १०० जूते लगायें साथ में धूप भी देते जायें।
. इस प्रयोग को ७ दिन तक लगातार करते रहने से शत्रु पर कहीं जूते पड़ते हैं। यदि इस मन्त्र का जप तथा प्रयोग लगातार ४० दिन तक किया जाय तो शत्रु का कपाल फट जाता है।
शत्र को आबद्ध करने का मन्त्र
मन्त्र—"जाग जागरे मसान मेरे सुरति करि करि फलाने का बेटा
फलाने के घर जाय जो न जाय तो तेरी मां बहिन की
तीन तलाक ।" टिप्पणी
इस मन्त्र में जहाँ 'फलाने का बेटा फलाने' शब्द आया है, वहाँ शत्र. के पिता का नाम तथा शत्र के नाम का उच्चारण करना चाहिए । जैसे"रामलाल का बेटा देवकीनन्दन के घर जाय” इत्यादि ।
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