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शावर तन्त्र शास्त्र | १०६ फूल तथा गोली को २१.२१ बार मन्त्र से अभिमन्त्रित करते हए अग्नि में होम करें। इस प्रयोग को लगातार २१ दिनों तक करने से बैरी को अत्यधिक कष्ट मिलता है।
अन्यायी-पुरुष को कष्ट देने का मन्त्र
मन्त्र-“ॐ नमो आदेस गुरू को लाल पलंग नौरंगी छाया काढि
काढ कलेजा तूही चख ।" साधन-विधि
चौका लगाकर उस पर दीपक रखकर जलाये तथा तीन बार "आओ महावीर बलवान हनुमान जी"-कहे। फिर तीन बार "आओ कलुआ वीर रणधीर" कहे। फिर गूगल की धूनी देकर भोग रक्खे । इस क्रिया को नित्य करते हुए ११ दिनों तक प्रतिदिन ६००० की संख्या में उक्त मंत्र का जप करें तथा जप के अन्त में घत में लौंग, सुपारी, जायफल गूगल तथा मिश्री का चूर्ण मिलाकर १२५ बार मंत्र पढ़ कर अग्नि में १२५ आहुति दें। ग्यारह दिनों के बाद दो ब्राह्मणों को भोजन करायें। इस विधि से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है। प्रयोग-विधि
आवश्यकता के समय पूर्व कथित नियमानुसार पूजन करके, ११ दिनों तक नित्य १ माला मंत्र का जप करते रहने से, जिस अन्यायी पुरुष के उद्देश्य से प्रयोग किया गया हो, उसे कष्ट प्राप्त होता है।
शत्रु को अपमानित करने का मन्त्र
मन्त्र-“ॐ नमो हनमंत बलवंत माता अंजनी पुत्र हल हलंत आओ
चलंत आओ गढ किल्ला तोडत आओ लंका जाल वाल भस्मि करि आओ ले लंका लंगूरतें लपिटाय सुमेर तें पटिकाओ चन्द्रा चन्द्रावली भवानी मिलि गावें मंगलचार जीते राम लक्ष्मण हनुमानजी आओजी तुम आओ सात पान का बीड़ा चर्वत मस्तक सिन्दूर चढ़ाओ आओ मंदोद्री के सिंहासन डुलता आओ यहाँ आओ हनुमान मोया
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