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१०० | शावर तन्त्र शास्त्र
१०८ बार उड़द मारें, फिर दुबारा १२ बार मारें । तत्पश्चात् काले कुत्ते के खुन को उड़दों पर लगाकर उन्हें राख में मिलाकर रखे तथा उनमें ३ उड़दों पर मंत्र पढ़कर, उन्हें बैरी के शरीर पर मारे तो मनोभिलाषा की पूर्ति होती है ।
मारण मन्त्र ( ३ )
मन्त्र. - ॐ नमो काल रूपाय अमुकं भस्मी कुरु कुरु स्वाहा । " विशेष एवं साधन विधिमन्त्र संख्या १ के
'अनुसार ।
प्रयोग-विधि
(२) मनुष्य की हड्डी को पान में रखकर उक्त मन्त्र से १०८ बार अभिमंत्रित कर, जिसे खिलादें, वह मर जाएगा ।
अथवा-
(२) मंगलवार के दिन पन्द्रह का यन्त्र विलोम करके चिता की भस्म से लिखें | फिर उसके ऊपर १०८ बार उक्त मन्त्र पढ़ते हुए श्मशान की
।
भस्म को डालें तो शत्रु मर जाता है ।
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पन्द्रह के यन्त्र का स्वरूप इस प्रकार है-
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( १५ का यन्त्र)
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