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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १०० | शावर तन्त्र शास्त्र १०८ बार उड़द मारें, फिर दुबारा १२ बार मारें । तत्पश्चात् काले कुत्ते के खुन को उड़दों पर लगाकर उन्हें राख में मिलाकर रखे तथा उनमें ३ उड़दों पर मंत्र पढ़कर, उन्हें बैरी के शरीर पर मारे तो मनोभिलाषा की पूर्ति होती है । मारण मन्त्र ( ३ ) मन्त्र. - ॐ नमो काल रूपाय अमुकं भस्मी कुरु कुरु स्वाहा । " विशेष एवं साधन विधिमन्त्र संख्या १ के 'अनुसार । प्रयोग-विधि (२) मनुष्य की हड्डी को पान में रखकर उक्त मन्त्र से १०८ बार अभिमंत्रित कर, जिसे खिलादें, वह मर जाएगा । अथवा- (२) मंगलवार के दिन पन्द्रह का यन्त्र विलोम करके चिता की भस्म से लिखें | फिर उसके ऊपर १०८ बार उक्त मन्त्र पढ़ते हुए श्मशान की । भस्म को डालें तो शत्रु मर जाता है । www.kobatirth.org पन्द्रह के यन्त्र का स्वरूप इस प्रकार है- ६ ut ७ २ 2 ५ € Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १५ का यन्त्र) For Private And Personal Use Only て 3 ४ S
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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