________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
१०४X शावर तन्त्र शास्त्र
Kललललल
ललल
बललल
में विदों
नल
देवदत्तः/२
लललल
लल ललल
-
(शत्रु नाशक-यन्त्र) उक्त यन्त्र को किसी एकांत स्थान में रखकर तथा उसके समीप स्वयं बैठकर निम्नलिखित मन्त्र का जप करने तथा कडुवे तैल (सरसों का तैल) हवन करने पर शत्रु की मृत्यु हो जाती है । मन्त्र इस प्रकार हैमन्त्र---"भुक्ष्व भुक्ष्व अमुकं क्षं।" टिप्पणी
___ उक्त मन्त्र में जहाँ अमुक' शब्द आया है, वहाँ णत्रु के नाम का उच्चारण करना चाहिए।
शत्रु को नष्ट करने का मन्त्र
निम्नलिखित मन्त्र को पहले किसी ग्रहण पर्व में १०००० की संख्या में जप कर सिद्ध करले। फिर शत्रु नाश हेतु इसका अर्द्धरात्रि के समय १००० की संख्या में नित्य जप करते रहने से कुछ ही दिनों में शत्रु का नाश हो जाता है। मन्त्र--- "त्रिपुरा संदुरित जौ तोहि तुजगे मानि जाउ पूत रारे
बैरी रक्त नहाउ अलथांमौ थल थांमौ आपतिकाया खड
For Private And Personal Use Only