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५२ / शावर तन्त्र शास्त्र
प्रयोग-विधि
इस मन्त्र द्वारा १०८ बार अभिमन्त्रित सुपारी जिसे खिलावे वह मोहित हो।
सुपारी मोहिनी मन्त्र (३)
मन्त्र-“पीर मे नाथ पीर तू नाथ जिसे खिलाऊँ तिसे बस करना,
फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।" साधन-विधि
सूर्य-ग्रहण के समय नाभि पर्यन्त नदी के जल में खड़े होकर ७ सुपारियों को ७ बार मन्त्र से अभिमन्त्रित करके निगल जाँय। जब शौच के समय वे पेट के बाहर निकले, तब उन्हें पहले जल से, फिर गाय के दूध से धोकर ७ बार मन्त्र पढ़ कर अभिमन्त्रित करें तथा गुगल की धूनी देकर रखलें। प्रयोग-विधि
उक्त सुपारी को मन्त्र से ७ बार अभिमन्त्रित करके जिसे, खिला दिया जायेगा, वह स्त्री-पुरुष कोई भी क्यों न हो, मोहित होकर, वशीभूत हो जायेगा।
लौंग मोहिनी मन्त्र
मन्त्र-"ॐ सत्त नाम आदेस गुरु को लौंगा लौंगा मेरा भाई इन ही
लौंगा ने शक्ति चलाई, पहली लौंग राती माती, दूजी लौंग जीवन माती, तीजी लौंग अंग मरोड़े, चौथी लौंग दोऊ कर जोड़, चारों लौंग जो मेरी खाय, फलाना के पास सों फलाना कने आ जाय, मेरी भक्ति गुरू की शक्ति, फुरो
मन्त्र ईश्वरोवाचा।" साधन एवं प्रयोग-विधि
शनिवार से आरम्भ करके, रात्रि के समय दीपक का पूजन कर २१ बार मन्त्र को परे । २२ दिन तक नित्य इसी संख्या में जप करने से मन्त्र
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