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५६ | शावर तन्त्र शास्त्र
मोहिनी पुतली वशीकरण मन्त्र
मन्त्र-“बाँधू इन्दु बांधू तारा, बाँधू बिन्दु लोही की धारा, उठे
इन्दन घाले घाव, सूक साक पूणी हों जाइ, वण ऊपर लोंका कड़ो हीया लपर लो सूत, मैं तो बन्धन बंधियों सासू ससुर जाया पूत, मन बाँधू तन बाँधू बाँधू विद्या देसू साथ चार कूट जों फिर आवे तो फलानी फलाना के साथ
गुरु गुरे स्वाहा ।" विशेष--
इस मन्त्र में जहाँ "फलानी फलाना के साथ" लिखा है, वहाँ साध्यस्त्री तथा साध्य-पुरुष के नाम का उच्चारण करना चाहिए। साधन-विधि
शनिवार से आरम्भ कर, २१ दिन तक रात्रि के समय स्वच्छ स्थान में पवित्र होकर एक पुतली बनाकर उसका विधि पूर्वक पूजन करे तथा गूगल की धूनी देकर २१ बार मन्त्र का जप करे तो यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है । जप की अवधि में प्रत्येक शनिवार को सवा पाव लपसी का भोग रखना चाहिए तथा अन्य दिनों में ५ बताशों का भोग लगाना चाहिए। प्रयोग-विधि
__ शनिवार के दिन एक पुतली बनाकर उसके पेट में स्त्री का नाम लिखे । फिर पुतली के ऊपर १०८ बार मन्त्र पढ़ कर फूके । पुतली के चारों ओर जिन वर्णों को लिखा जायेगा, उनका स्वरूप आगे दिये गये चित्र में प्रदशित है । इसी के अनुसार पुतली का चित्र बनाना चाहिए। पूतली के तयार हो जाने पर, उसे स्त्री को दिखाकर अपनी छाती से लगा ले तो साध्य-स्त्री बेचैन तथा मोहित होकर साधक के कदमों में आकर हाजिर हो जायेगी।
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