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७० शावर तन्त्र शास्त्र
अपने माथे पर तिलक लगाकर साध्य-व्यक्ति के पास पहुँचें तो वह वशीभूत हो जाता है।
(३) उक्त मन्त्र से ७ बार अभिमन्त्रित गोरोचन को लगे हए पान अथवा भोजन में मिलाकर, उसे साध्य-व्यक्ति को भक्षण करा दें तो वह साधक के वशीभूत हो जाएगा।
(४) मनसिल, गोरोचन और ताम्बूल (सादा पान) इन तीनों को पीसकर उक्त मन्त्र से ७ बार अभिमन्त्रित करें, फिर उक्त मिश्रण का अपने मस्तक पर तिलक लगाकर, साध्य व्यक्ति के पास पहुँचकर उससे बातचीत करें तो वह साधक के वशीभूत हो जाता है।
(५) शुक्लपक्ष की त्रयोदशी को सफेद घघची की बेल को जड़ सहित उखाड़ लावें, फिर उसे पूर्वोक्त मन्त्र से ७ बार अभिमंत्रित कर; पीस लें तथा पान में रखकर साध्य-व्यक्ति को खिलादें तो वह वशीभूत हो जाता
टिप्पणी
संख्या १ से लेकर ५ तक जिन वशीकरण क्रियाओं का उल्लेख किया गया है, उन्हें बिना अभिमन्त्रित किए हुए भी प्रयोग में लाया जाता है परन्तु पूर्वोक्त मन्त्र द्वारा अभिमन्त्रित कर, प्रयोग में लाने से प्रभाव शीघ्र प्रकट होता है।
__ पति वशीकरण मन्त्र (१)
मन्त्र--"ॐ काम मालिनी ठः ठः स्वाहा।" साधन विधि
यह मन्त्र १०८ बार जपने से ही सिद्ध हो जाता है। प्रयोग विधि
(१) गोरोचन को मछली के पित्त में मिलाकर, उक्त मन्त्र से ७ बार अभिमन्त्रित कर, उसका मस्तक पर तिलक लगाने से पति वशीभूत हो जाता है।
अथवा (२) उक्त विधि से तिलक लगाकर पति की ओर बाई अंगुली से संकेत करने से वह वश में हो जाता है।
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