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शावर तन्त्र शास्त्र | ५५
प्रयोग-विधि
उक्त सिद्ध मन्त्र से गुड़ को ७ बार अभिमन्त्रित करके जिसे खिलादे, वह मोहित होकर सेवा में हाजिर हो जाता है।
गुड़ मोहिनी मन्त्र (२)
मन्त्र-“ॐ नमो आदेस गुरू को या गुड़ राती, या गुड़ माती या
गुड़ आवै पायां पड़ती, जो माँगू श्योजन पाऊँ, सूती तिरिया जगायर ल्याऊँ, चलिरे आगिया बेताल, फलानी के पेट चलावे झाल, रात्रि को चैन न दिन को सुख, फिर. फिर जोवे हमारा मुख, जै मकड़ी मकड़ी सैट ले, सींस फाट दो टूक हो पड़े, काला कलुआ काली रात, कलुआ चाला आधी रात, चाल चाल रे काला कलुआ, सोधन चाटे, हमारा तलुआ, आक के पान बसे कवारी, धन जोवन सों खरो पियारी, रेतरगत गुड़ करे गिरास, अमुकी आवे फलाना पास, हनुवत जती की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।"
साधन एवं प्रयोग विधि -
२ टंक (तोला) गुड़ लेकर उसमें अपनी अनामिका अँगुलो का रक्त मिला दे । फिर उस पर २१ बार मन्त्र पढ़ कर, साध्य-स्त्री को खिला दे तो वह मोहित होकर वशीभूत हो जायेगी । यदि स्त्री को खिला न सके तो गुड़ को कुएँ में डाल दे तो उसका पानी पीने पर वह वश में होगी। विशेष
इस मन्त्र में जहाँ "अमुकी आवे फलाना पास" वाक्य है, वहाँ साध्यस्त्री तथा पुरुष के नाम का उच्चारण करना चाहिए।
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