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शावर तन्त्र शास्त्र | ५६
विनियोग-ॐ अस्य श्री वामदेवमन्त्रस्य सम्मोहन ऋषिः ।
गायत्री छन्दः । श्री कामदेव देवता अमुकवश्यार्थे
जपे विनियोगः ।" टिप्पणी
इस विनियोग-वाक्य में जहाँ 'अमुक' शब्द आया है, वहाँ साध्यव्यक्ति के नाम का उच्चारण करना चाहिये । जैसे-रामलाल नामक किसी पुरुष को वश में करना है तो 'रामलाल वश्यार्थे अथवा मालतीदेवी नामक किसी स्त्री को वश में करना है तो 'मालती देवी वश्यार्थे' आदि उच्चारण करना चाहिए।
इसके पश्चात् निम्न मन्त्रों का उच्चारण करते हुए ‘अङ्गन्यास'
करें।
"कां. हृदयाय नमः। की शिरसे स्वाहा । कू शिखायै वौषट्
कामदेवो देवता अस्त्राय कट् ।" फिर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए कामदेव देवता का ध्यान करें।
जपारुणं रक्तविभूषणाढ्यं, मीनध्वजं चारुकृताङ्गरागम् । कराम्बुजरंकुशमिक्ष चापं
पुष्पास्त्रपाशौ दधतं नमामिः।" ध्यानोपरान्त निम्नलिखित मन्त्र का ५००० की संख्या में जप करें
"ॐ कामदेवाय सर्वजन प्रियाय सर्व जन सम्मोहनाय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल सर्वजनस्य हृदयं मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।" प्रयोग-विधि
मन्त्र-जप पूर्ण हो जाने पर कनेर के लाल पुष्पों पर चमेली का इत्र लगाकर दशांश अर्थात् ५०० की संख्या में होम करें।
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