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शावर तन्त्र शास्त्र | ५१
साधन-विधि
शनिवार के दिन चम्पा के पेड को न्यौत आवे और उसकी डाली में लाल कलावे का डोरा बाँध आवे । रविवार को प्रातः काल उसी डाली को ७ बार मन्त्र पढ़कर तथा गूगल की धूनी एवं धूप देकर तोड़कर घर ले आवे । रात्रि के समय दीपक जला कर उसके सामने फूल की डाली को रक्खे तथा भैरों का पूजन कर २१ बार में २१ मन्त्र जपे। इक्कीस दिन तक नित्य इतनी ही संख्या में जप करते रहने पर मन्त्र सिद्ध हो। भोग में शराब तथा उड़द के बड़े, तेल, गुड़ तथा दही रक्खें।
प्रयोग विधि--
चम्पा के फूल को उक्त मन्त्र से ७ बार अभिमन्त्रित करके, जिसे सुघाया जायेगा. भैरों उसे लाकर साधक के सम्मुख हाजिर कर देंगे।
सुपारी मोहिनी मन्त्र (१)
मन्त्र-"खरी सुपारी टामनगारी, राजा प्रजा खरी पियारी, मन्त्र
पढ़ लगाऊँ तो रही या कलेजा लावे तोड़, जीवत चाटे . पगथली मूवे सेवे मसान, या शब्द की मारी न लावे तो
जती हनुमन्त की आज्ञा न माने, शब्द सांचा पिण्ड काचा,
फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा।" साधन एवं प्रयोग विधि:
.७ सुपारी लेकर उन पर १०८ बार मन्त्र पढ़ कर २१ दिन में सिद्ध करले। अथवा सूर्य ग्रहण के दिन केवल १०८ बार मन्त्र पढ़ कर सुपारी को सिद्ध करले । यह सुपारी जिसे खिलाई जायेगी, वही मोहित होकर वश में हो जायेगा।
सुपारी मोहिनी मन्त्र (२)
मन्त्र-“ॐ देव नमो हरय ठं ठं स्वाहा ।" साधन विधि
पूर्व मन्त्र के अनुसार।
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