________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४ | शावर तन्त्र शास्त्र
गुरू की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा सत्त नाम आदेस
गुरू का।" साधन-विधि
पहले शनिवार से आरम्भ करके ६ दिन तक हनुमान जी का धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन करके नित्य १४४ की संख्या में जप करने से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है। प्रयोग-विधि
चौराहे से ७ ककड़ी लाकर, पनघट के कुएँ पर जाकर उन कंकड़ियों को मन्त्र द्वारा १४४ बार अभिमन्त्रित करके उसी कुएँ में डाल दें। फलतः उस कुएँ का पानी जो भी पियेगा, वह साधक के प्रति मोहित एवं वशीभूत बना रहेगा।
सभा मोहिनी सुर्मा
मन्त्र-"कालू मुख धोयो करू सलाम मेरी आँखों में सुर्मा बसे
जो देखे सो पायन पड़े दुहाई गौसुल आजमदस्तगीर को
साधन-विधि
सवा लाख गेहूं के दानों पर इस मन्त्र को पढ़े। प्रत्येक दाने पर एकएक मन्त्र पढ़ना चाहिए। फिर उनका आटा पिसवा कर, कढ़ाई में धीशक्कर मिलाकर, हलुआ बनायें तथा गोसुल आजमदस्तगीर की नियाज दिलाकर, उस हलवे को स्वयं हो खाकर तथा सुर्मे को उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित कर अपनी आँखों में आंज कर राज-दरबार अथवा किसी सभा आदि में पहुंचे तो देखते ही वहाँ के सब लोग मोहित हो जाय।
मोहिनी मन्त्र
मन्त्र-“ॐ नमो आदेस गुरू का मोहनी जगमोहनी मोहनी मेरो
नाम । ऊँचे टीले हूं बसू मोहूं सगरो गाम । ठग मोहूं, ठाकुर मौहूं, बाट का बटोही मोहूं, कुवा की पनिहार
For Private And Personal Use Only