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४८ शावर तन्त्र शास्त्र
रविवार को प्रातः काल वहाँ पुनः जाकर उसका मन्त्र संख्या १ में वर्णित विधि के अनुसार पूजन करे तथा २१ बार मन्त्र पढ़कर उसे उखाड़ कर घर ले आये। रात्रि के समय दीपक जलाकर नृसिंह का आवाहन करे तथा २. पेड़ा एवं पान के बीड़े का भोग रख कर, चावल, घृत शक्कर पर १२१ बार मन्त्र पढ़कर उन्हें अग्नि में होम करे तथा कपूर से आरती करे तो मन्त्र सिद्ध हो जाता है।
रविवार के दिन व्रत रक्खे । फिर शंखाहली का पीस कर उसकी गोली बना ले तथा गोली को अपनी पगड़ी में रखकर राजदरबार में जाय तो राजा, प्रजा और सारी सभा अत्यन्त प्रसन्न हो । सम्पूर्ण सभा उसे पिता के समान आदर दे।
यदि उक्त अभिमन्त्रित शंखाहूली की गोली को मिठाई में रख कर, किसी स्त्री को खिला दे तो वह मोहित तथा वशीभूत हो।
यदि अभिमन्त्रित. शंखाहूली की गोली को पानी में घिस कर, किसी स्त्री-पुरुष के. माथे पर उसकी बिन्दी लगा दें तो वह भी मोहित हो जाता है तथा मनोभिलाषा की पूर्ति करता है।
फूल मोहिनी मन्त्र (१)
मन्त्र-"ॐ नमो आदेस गुरू को एक फूल फूल भर दोना, चौंसठ
जोगनी ने मिल किया टौना, फूल फूल वह फूल न जानी, हनुवन्त वीर घेर घेर दे आनी, जो सू घे इस फूल की बास, उसका जी प्राण रहे हमारे पास, सूती हो तो जगाइ लाव, बैठी हो तो उठाइ लाव, औरे देखे जरे, बरे, मोहे देख मेरे • पायन परे, मेरी भक्ति गुरू की शक्ति फुरोमंत्र ईश्वरोवाचा वाचावाची से टरे कुम्भी नरक
में परे।" साधन-विधि
शनिवार से आरम्भ करके २१ दिन तक विधि पूर्वक दीपक का पूजन कर नित्य १४४ की संख्या में मन्त्र का जप करें तो सिद्ध हो।
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