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शावर तन्त्र शास्त्र | ४७ फिर गोरोचन, साँप को केंचुल तथा संखाहूली-इन तीनों को पीस कर २१ दिन तक रात्रि के समय नित्य १२१ की संख्या में मन्त्र का जप करे तो वह सिद्ध हो जाता है। प्रयोग-विधि
आवश्यकता के समय अभिमन्त्रित शंखाहूली को अपनी पगड़ी में रखकर राजसभा में जाये तो वहाँ पहुंचते ही राजा तथा सारी सभा मोहित होकर वश में हो जाय ।
सर्व मोहिनी मन्त्र (३)
मन्त्र-"ॐ साखाहूली वन में फूली ईश्वर देख गवरजा भूली जो
याकों सिर पर धरे राजा प्रजा वाके चरणों पड़े मेरी भक्ति
गुरू की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा।" साधन एवं प्रयोग-विधि
मन्त्र संख्या १ के अनुसार । मन्त्र-(३) "ॐ नमो आदेस गुरू को ॐ साखाहूली वन में फूली
ईश्वर देख गवरजा भूलो आव आव राजा प्रजा पाव पड़ाव मंगल मोहन वसकरन मोहन मेरो नाम दे मोहन फलाना के अन्त शव सों मंग महेसुर गाँव चल मोहनी राऊल चल जलती आग बुझाक्त चली तीन खेत आगे मोह तीन खेत पाछै मोह तीन खेत उत्तर मोह तीन खेत दक्षिण मोह आवते की दृष्टि मोह दर मोह दीवान मोह गाँव का मुकद्दम मोह काजी का कुरान मोह हे तू नरसिंह वीर हमारा काज न करे तो अपनी माँ का दूध पीया हराम करे ठः ठः ठः ठः
ठः स्वाहा ।" साधन-विधि
शनिवार के दिन वन में जाकर शंखाहूली को न्योत आवे, फिर
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