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शावर तन्त्र शास्त्र | ४५ मोहूं, महला बैठी राणी मोहं, जोहि-जोहि वां वां पग तरे देहु गुरू की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो
वाचा ।" साधन-विधि
दीपावली की रात को दीपक के सामने धूप देकर मिठाई रक्खें तथा १४४ बार मन्त्र को पढ़े तो यह सिद्ध हो अथवा रविवार से आरम्भ करके प्रतिदिन २१ बार, २१ दिनों तक मन्त्र का जप करे तो भी सिद्ध हो। प्रयोग विधि
पहले चौराहे की रेत पर सात बार मन्त्र पढ़कर, उससे अपने मस्तक पर बिन्दी लगाये, फिर एक गुड़ की डेली पर २१ बार मन्त्र पढ़े तथा जिसे मोहित करना हो, उसका नाम लेकर, गुड़ की डेली को कुएं में डाल दें तो जब वह व्यक्ति उस कुएँ का पानी पियेगा, तब वह तुरन्त ही साधक के प्रति मोहित तथा आकर्षित हो जायेगा।
स्त्री मोहिनी मन्त्र (१)
मन्त्र-"धूली धूलेश्वरी धूली माता परमेश्वरी धूली चंचती जै
जैकार दनरन चौंप भरे अमुकी छाती छार छार ते न हट देतां घर वार मरे तो मसान लोटे जीवे तो पांउ पलोठे वाचा बाँध सूती हो तो जगाइ लाव माता धूलेश्वरी तेरी शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा ठः ठः ठः
स्वाहा ।" विशेष----
इस मन्त्र में जहाँ 'अमुकी' शब्द आया है, वहाँ साध्य-स्त्री के नाम का उच्चारण करना चाहिए। साधन एवं प्रयोग विधि
रविवार के दिन जो मरा हो, उसकी चिता से ३ मुट्ठी राख लाकर पहले शनिवार से आरम्भ करके ७ दिन तक नित्य १४४ की संख्या में उक्त मन्त्र का जप करें तथा धूप, दीप, नैवेद्य रक्खें। श्मशान की राख पर
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