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४२ | शावर तन्त्र शास्त्र
मारे तो जितने दिन का यात्रा मार्ग होगा, उतने दिनों के भीतर ही साध्यव्यक्ति आकर्षित होकर साधक के पास चला आयेगा ।
आकर्षण मन्त्र ( ५ )
मन्त्र- "ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रां नमः"
साधन एवं प्रयोग विधि
इस मन्त्र का प्रतिदिन १०००० की संख्या में जप करते हुए साध्यव्यक्ति का ध्यान करना चाहिए । नित्य १५ दिनों तक इस प्रकार साधन करते रहने से साध्य- व्यक्ति का आकर्षण होता है ।
स्त्री आकर्षण मन्त्र
मन्त्र- "ॐ चामुण्डे तरुततु अमुकाय कर्षय आकर्षय स्वाहा । " विशेष
उक्त मन्त्र में जहाँ 'अमुकाय' शब्द आया है, वहाँ साध्य- स्त्री के नाम का उच्चारण करना चाहिये ।
साधन-विधि
इस मन्त्र को तीनों सन्ध्या - काल में एक-एक हजार की संख्या में २१ दिनों तक जपना चाहिये ।
प्रयोग-विधि
(१) उत्तर दिशा की ओर मुँह करके लाल चन्दन अथवा लाख द्वारा लाल वस्त्र के ऊपर इस मन्त्र को लिखकर पूजन करें, तदुपरान्त उसे पृथ्वी में गाढ़ कर २१ दिनों तक चावल के धोवन के पानी से सींचते रहें । इस प्रयोग से मानवती वैरिणी स्त्री भी साधक के समीप खिंची चली आती है ।
अथवा
(२) अर्जुन वृक्ष के बाँदा को आश्लेषा नक्षत्र में लाकर, बकरी के मूत्र में पीस कर, तथा उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री के मस्तक पर डाला जाय, वह आकर्षित होकर चली आती है ।
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