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शावर तन्त्र शास्त्र | ३५
चौको चढ़ाने का मन्त्र (१)
मन्त्र-(१) "ॐ नमो आं हां कंत जुगराज फटंत, कार्या जिस
कारन जुगराज मैं तो • ध्याया हांक मारता जुगराज आया गाजत आया घोरंत आया मिरस के फूल लेता उडता आया और की चौकी उठाता आया आपकी चौकी बैठाता आया, और का किवाड़ तोड़ता आया, अपना किवाड़ माँड़ता आया, बाँध बाँध किसकों बाँध, भूत कों बाँध, प्रेत कों बाँध, उडत कों बाँध, राडंत कों बाँध, जोगिनी कों बाँध, देव कों बाँध, तिरेसठ कला कों बाँध, चौंसठ जोगिनी कू बाँध, आकास की परी कों बाँध, धरती को बाँध, डाकिनी कों बाँध, खेचरी को बाँध, को नाटक कों बाँध, छल कों वाँध, छिद्र कों बाँध, कीया को बाँध, अपनी को बांध, पराई को बाँध, मैली को बाँध, कुचैली को बाँध, स्याह को बाँध, सफेद कों बाँध, काली को बाँध, . पीली कों बाँध, रे गढ़ गजनी महम्मदा वीर बिसर जाय मद. खाय तेरा, तीसों रोजा हलाल उलटि मार, पटकि पछाड़, कबजा चढ़ाय मुख बुलाय, शशि वाय शब्द साँचा, पिंड काचा
फुरी मन्त्र ईश्वरी वाचा।" साधना एवं प्रयोग विधिनीचे दिये गये मन्त्र संख्या २ के अनुसार ।
चौकी चढ़ाने का मन्त्र (२)
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मन्त्रा-“ॐ नमो नाहरसिंह नारी का जाया, याद किया सों
जल्दी आया, पाँच पान का बीड़ा मध की धार, चाल
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