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विपयानुक्रमणिका गाथा
विषय २४ नामकर्मके बन्धस्थान
१२४ नामकर्मके बन्धस्थानोंके स्वामी और उनके भगोंका निर्देश
१२४-१३५ २५ नामकर्मके प्रत्येक बन्धस्थानके भंग १३५--१३७
कोष्ठक १३८ २६ नामकर्मके उदयस्थान
१३९ नामकर्मके उदयस्थानोंके स्वामी और उनके भंगोंका निर्देश
१३९--१५६ २७-२८ नामकर्मके प्रत्येक उदयस्थानके कुल भंग १५६-१५९
-कोष्ठक १५९ २९ नामकर्मके सत्त्वस्थान
१६००-१६२ ३० नामकर्मके बन्धादिस्थानोंके सवेध कथनकी प्रतिज्ञा
१६२--१६३ ३१-३२ ओघसे संवेघविचार
१६३--१७८ नामकर्मके बन्धादिस्थान व उनके भगोंका
कोष्ठक ३३ जीवस्थानों और गुणस्थानोंमें उत्तर प्रकृतियों
के बन्धादि स्थानोंके भंगोंके विचारकी प्रतिना
१८१-१८२ ३४ जीवस्थानों में ज्ञानावरण और अन्तरायके
न्यादि स्थानोत्तर महतियो ७९-१८१