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पदवृन्द
१०१ इम सख्यामे एक प्रकृतिक उदयस्थानके ग्यारह भग सम्मिलित नहीं हैं अत. उनके मिला देने पर कुल संख्या ६९७१ प्राप्त होती है। ये सब प्रकृतिविकल्प हुए । दसवे गुणस्थान तकके सव ससारी जीव इतने विकल्पोसे निरन्तर मोहित हैं यह उक्त गाथाके उत्तरार्धका तात्पर्य है। यहाँ इतना विशेष जानना कि पहले जो मतान्तरसे चार प्रकृतिक बन्धके सक्रमकालके समय 'दो प्रकृतिक उदयस्थानमें बाहर भग बतलाये हैं उनको मम्मिलित करके ही यह उदयस्थानांकी सरया और पदसल्या कही गई है।
पढमस्याका जापक कोष्ठक
[१९]
उदयस्थान
संख्या
प्रकृतियाँ
भग
कुल
१०
x
१
=
१०
x
२४
=
२४०
Ex
___ =
५४
x
२४
-
१२६६
८
x
११
=
८८
x
२४
-
२०१२
- =
७ ६ ५. ४
१६८० १००८
x x ४ x
= = =
१० ७ ४ १
७० ४२ २० ४
x x x ४
२४ २४
४ २४ २४
- =
९६ ४८
X
१
-
२
४
x
१
=
१
x
११
-
कुल ६९७१