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सप्ततिकाप्रकरण, हैं। २९ प्रकृतियोंका बन्ध करनेवालेके एक २९ प्रकृतिक ही उदय- ' स्थान होता है। यहाँ भी ९२ और ८८ ये दो सत्तास्थान होते हैं। इस प्रकार मिन गुणस्थानमें तीन उदयस्थानो की अपेक्षा छह सत्तास्थान होते है । इस प्रकार मिश्रमें बन्ध, उदय और सत्तास्थानोका संवेध समाप्त हुआ। मिश्रमें नामकर्मके बन्ध, उदय और सत्तास्थानोंके संवेधका
ज्ञापक कोष्ठक[४०]
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बन्धस्थान
भग
उदयस्थान
भग
सत्तास्थान
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२३०४
६२,
११५२
।
६२, ५८
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• २६
।
२६
६२.८८
-
१६
३४६५