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(१५) भुवन पतिना २५, व्यंतर ना२६, ज्योतिषी ना१० अने वैमानिक ना ३८ मली ६६ भेद चारे प्रकार ना देवो ना थाय छे. तेना पर्याप्ता अने अपर्याप्ता मलो कुल १६८ भेद देवो ना थाय छे. हवे नारक ना १४ भेद, तिर्यंचना ४८ भेद, मनुष्यना ३०३ भेद अने देवो ना १६८ मली कुल ५६३ भेद सर्व जीवों ना थाय छे.
साधारण वनस्पतिकाय ने निगोद पण कहेवाय छे. चौद राज लोक मां असंख्यात निगोद ना गोलाप्रो छे. एकेक गोला मां असंख्यात निगोदो छे अने एकेक निगोद मां अनंत जीवो होय छे. निगोद ना जीवो एकज स्थान मां साथे जन्मे छे, साथेज मृत्यु पामे छे, साथेज आहार अने साथेज श्वासोश्वास ले छे. तेथी तेस्रो साधारण तरीके पण अोलखाय छे. एक शरीर मां अनंत जीबो साथे रेहता होवाथी अनंतकाय पण गणाय छे. तेत्रो एक श्वासोश्वास मां साढा सत्तर भव करे छे. तेप्रोनु आयुष्य २५६ श्रावलिका प्रमाण होय छे असंख्यात समय नी एक प्रावलिका गणाय छे, एटले २५६ प्रावलिका प्रमाण वालु अंतर्मुहूर्त- तेश्रोनु आयुष्य होय छे. अनंत शरीर एकठां थवा छतां चमं चक्षु वाला प्रात्माप्रो ने हमेशा तेरो अदृश्य होय छे. फक्त केवली भगवंतोज तेत्रोने जोई शके छे. तेश्रो चौद राज लोक मां संपूर्ण ठांसी-ठांसी ने भरेला छे.