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सन् १९८५ में जम्बूद्वीप जिनबिम्ब प्रतिष्ठापना की पूर्व तैयारी हेतु हस्तिनापुर पधारे उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी मेले के नक्शे पर विचार-विमर्श करते हुए/साथ में हैं-मेरठ कमिश्नरी के कमिश्नर श्री बी.के. गोस्वामी।
२४ नवम्बर, १९८४ को टिकैतनगर ज्ञानज्योति रथ पदार्पण के समय मुख्यमंत्री श्री नारायणदत्त तिवारी पू. श्री ज्ञानमती माताजी के जन्मगृह में जलपान ग्रहण करते हुए।
मा
नवम्बर, १९८३ में आर्यिका श्री रत्नमती.माताजी के अभिनन्दन ग्रंथ समर्पण समारोह में उपस्थित जनसमूह को आशीर्वाद प्रदान करती हुई रत्नमती माताजी पूज्य श्री ज्ञानमती माताजी के साथ हस्तिनापुर में।
आर्यिका रत्नमती अभिनंदन ग्रंथ स्वयं उन्हीं के करकमलों में विमोचन करके प्रदान करते हुए श्री जे.के. जैन।
सन् १९८१ में पं. श्री बाबूलाल जमादार अपना अभिनंदन ग्रंथ स्वीकार करके पूज्य माताजी से आशीर्वाद ग्रहण कर रहे हैं।
दिल्ली के रिटा, इंजी. श्री के.सी. जैन को संस्थान की ओर से प्रशस्ति पत्र भेंट करते हुए श्री भागचंद पहाड़िया-कलकत्ता, सन् १९८१ हस्तिनापुर में।
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