Book Title: Aryikaratna Gyanmati Abhivandan Granth
Author(s): Ravindra Jain
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 787
________________ श्री प्रेमचंद जैन, महमूदाबाद - श्री सरोज कुमार जैन, तहसील फतेहपुर श्री धरणेन्द्र कुमार जैन, लखनऊ श्री मोहनलाल सेठ, लखनऊ श्री अजित जैन टोंग्या, बड़नगर श्री गुणवंत जैन टोंग्या, बड़नगर८३- श्री नंदलाल जैन टोंग्या, इन्दौर नारायण दत्त तिवारी ७७ ७८ ७९ ८० ८१ ८२ कृष्ण स्वरूप वैश्य राज्य मंत्री पंचायती राज, क्षेत्रीय विकास एवं प्रान्तीय विकास दल, उ०प्र० गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती अभिवन्दन ग्रंथ 33 Jain Educationa International राज्य उत्तर मंत्री ८४ ८५ - ८६ ८७ ८८ ८९ - ९० - संदेश यह परम सौभाग्य एवं प्रसन्नता का विषय है कि हस्तिनापुर में निर्मित जम्बूद्वीप की पावन प्रेरिका पूज्य गणिनी आर्यिकाल श्री ज्ञानमती माताजी के सम्मान में एक अभिवंदन ग्रन्थ के प्रकाशन का निर्णय दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान द्वारा लिया गया है। ज्ञानमती माता जी के संबंध में कुछ कहना सूरज को दीपक दिखाने की भाँति ही है। एक महान् आदर्श संजोये ज्ञानमती माताजी हम सभी का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। धर्म, नीति, बाल साहित्य आदि के रूप में माता जी के सम्मान में ग्रन्थ का प्रकाशन सभी श्रद्धालु समुदाय को एक व्यावहारिक जीवन हेतु संदेश प्रदान करता रहेगा। माँ ज्ञानमती हमें राष्ट्र निर्माण के पथ पर अग्रसर रहने का दीर्घकाल तक दिशा-निर्देश प्रदान करती रहेंगी, ऐसी मेरी मनोकामना है। मैं अभिवंदन ग्रन्थ के सफल प्रकाशन हेतु अपनी शुभकामनायें प्रेषित करता हूँ। प्रदेश श्री महावीर प्रसाद नृपत्या, जयपुर श्री ऋषभ कुमार जैन, जयपुर श्री सुरेन्द्र कुमार जैन वैद, जयपुर श्री हरीश चन्द जैन, आगरा श्रीमती आदर्श जैन, हस्तिनापुर- ब्र० कु० आस्था जैन, हस्तिनापुरब्र०कु० बीना जैन, हस्तिनापुर - For Personal and Private Use Only — फोन : 247868, 231521 1-ए, माल एवेन्यू लखनऊ-226001 सूची ७१९ संदेश मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि "गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती अभिवन्दन ग्रंथ" का प्रकाशन होने जा रहा है। इस ग्रंथ के सफल प्रकाशन के लिये मेरी हार्दिक शुभ कामनायें । ( नारायण दत्त तिवारी) आवास 248662 फोन : कार्या 242896 C.H.: 8202 विधान भवन लखनऊ pis (कृष्ण स्वरूप वैश्य) www.jainelibrary.org

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