Book Title: Aryikaratna Gyanmati Abhivandan Granth
Author(s): Ravindra Jain
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

Previous | Next

Page 812
________________ "ददाति यत्तुयस्यास्ति सुप्रसिद्धमिदं वचः" सन् १९७२, नागौर (राज.) में ब्र. श्री रवीन्द्र जी पूज्य माताजी की प्रेरणा से आचार्य श्री धर्मसागर जी महाराज के द्वारा आजन्म ब्रह्मचर्यव्रत ग्रहण करते हुए। पहाड़ी धीरज दिल्ली में सन् १९७२ में शरदपूर्णिमा को माताजी के ३९वें जन्मदिवस पर आरती करती हुई संघस्थ ब्र. सुशीला एवं ब्र.छुहारा देवी। सन् १९७३ में श्री दिगम्बर जैन लाल मंदिर चांदनी चौक दिल्ली में माताजी संघ सानिध्य में श्री जितेन्द्र कमार जैन सिद्धचक्र मंडल विधान करते हुए। Jain Educationa international For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822