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वीर ज्ञानोदय ग्रन्थमाला
घन अज्ञान जगत में फैला,
तत्त्व-ज्ञान-आलोक दिया, चौ अनुयोगों की प्ररूपणा,
पाकर विकसित भव्य किया । अलख ज्ञान की जगी कि जगमग, जलती रहती बोधि कृती। मैना ....
मात्र वाङ्मय नहीं यहाँ पर
सिद्धान्तों की प्रभा हुई, सत्साहित्य सर्जना की भी,
सृष्टि हुई ज्यों क्षितिज नई । विविध विधाओं की सामग्री प्राप्त हुई रुचि पूर्ण अती। मैना . . . .
अबला की काया में अनुपम
सबल ज्ञान का सूर्य उगा; प्रमदा से प्रमाद काँपा औ3;
काम-व्यसन तम-तोम भगा । जगा नव्य जीवन प्रभात यों-बढ़े चरित व्रत तथा व्रती ॥ मैना . . . .
पतनशील भौतिक दुनिया में उन्नतात्म की कली खिली;
___ आकुल-व्याकुलता-अशान्ति में
परम शान्ति की वायु मिली दीर्घकाल तक सुलभ रहे ये- धर्म-ज्ञान की शुद्ध श्रुती ॥ मैना . . . .
चलती-फिरती यूनिवर्सिटी
- सुभाषचन्द जैन- टिकैतनगर
ज्ञानमती नाम एक इतिहास का है ज्ञानमती यह नाम भूगोल का है क्योंकिइतिहास और भूगोल दोनों का सम्बन्ध माँ ज्ञानमती की पहचान कराता है। उन्होंने कलियुग में ब्राह्मी का
आदर्श दिखाकर इतिहास बनाया है । जम्बूद्वीप रचना से भूगोल बताया है । इतना ही नहीं वे तो एक चलती-फिरती यूनिवर्सिटी भी हैं । जहाँ, प्राचीन ग्रन्थों में छिपा साइंस और मैथमेटिक पढ़ाया जाता है । आत्मा पर रिसर्च करने का साधन सिखाया जाता है फिर, डिग्री ?
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