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साधर्मिक के बारह निक्षेप ।
साधर्मिक के भेदों का स्वरूप - कथन । आधाकर्म के संदर्भ में किं द्वार का कथन ।
अशन आदि की कृत और निष्ठित के आधार पर चतुर्भंगी । अशन से संबंधित आधाकर्म विषयक दृष्टान्त । उपर्युक्त दृष्टान्त का विस्तार ।
पानक से संबंधित आधाकर्म का दृष्टान्त ।
खादिम और स्वादिम से संबंधित आधाकर्म ।
निष्ठित और कृत की परिभाषा ।
चावल आदि से संबंधित निष्ठित और कृत में दुगुना आधाकर्म । आधाकर्मिक वृक्ष की छाया से संबंधित मतान्तर ।
निष्ठित और कृत से उत्पन्न चतुर्भंगी ।
आधाकर्म से संबंधित अतिक्रम, व्यतिक्रम आदि का विवेचन । आधाकर्म ग्रहण में आज्ञाभंग आदि चार दोष ।
आज्ञाभंग दोष का विवेचन ।
अनवस्था दोष की व्याख्या । मिथ्यात्व दोष का विवेचन । विराधना दोष का स्पष्टीकरण ।
आधाकर्म की अकल्प्य विधि ।
आधाकर्म की अभोज्यता से संबंधित कथा ।
अभोज्य और अपेय पदार्थ ।
आधाकर्म से स्पृष्ट की अकल्प्यता ।
आधाकर्म अवयव से स्पृष्ट भाजन का कल्पत्रय करने का विधान । वमन और उच्चार के समान आधाकर्म के परिहार का निर्देश । अविधि-परिहरण से संबंधित कथानक ।
द्रव्य, कुल आदि की अपेक्षा से विधि- परिहरण तथा उसकी सार्थकता । आधाकर्म भोजन के ज्ञान की प्रविधि |
पिंड नियुक्ति
आधाकर्म से संबंधित शिष्य की जिज्ञासा एवं गुरु का समाधान ।
शुद्ध भोजन करते हुए भी परिणाम के आधार पर कर्म-बंधन एवं उसका दृष्टान्त ।
आधाकर्म युक्त अशुद्ध भोजन करने पर भी मुनि को कैवल्य - प्राप्ति ।
आज्ञाभंग को स्पष्ट करने वाला कथानक ।
आधाकर्मभोजी की निन्दा |
औदेशिक द्वार के कथन की प्रतिज्ञा ।
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