Book Title: Agam 41 Mool 02 Pind Niryukti Sutra
Author(s): Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 492
________________ 320 पिंडनियुक्ति 219 135 आहा-आधार / 61/1 आहाकम्म-आधाकर्म, भिक्षा का एक 58,62, दोष। 64/1, 67/1, 68/2, 70, 70/4, 70/5, 71, 74, 80, 82/2, 88, 110, 190, 238/1 आहाकम्मिय-आधाकर्मिक। 60,93 आहारिम-सुगंधित द्रव्य, जो पानी आदि के साथ घिसकर लिया जाता है। 231/1 / आहिंडय-घुमक्कड़। 199 इंगाल-ज्वाला रहित अंगारा। 24 इंद-इंद्र। 70/4 इंदिय-इंद्रिय। 96/3 इक्खागु-इक्ष्वाकु वंश। 219/14 इट्ट-ईंट। 24 इट्टग-सेवई। 216 इट्टगा-सेवई। 219/1 इड्डि-ऋद्धि। 198/10 इत्थी --स्त्री। इरिया-ईर्या, देखकर चलना। 318 इहरा-अन्यथा / 239/1 इहलोग-इहलोक। 136/4 उउबद्ध-ऋतुबद्ध। 20 उंडग-टुकड़ा, खंड। 279 उक्कंड-खूब छंटा हुआ 80 (चावल आदि)। उक्कट्ठ-उत्कृष्ट। 243/2 उक्कड-उत्कट अधिक। 198/8 उक्कोसग-उत्कृष्ट। 166 उक्खणिय-उखाड़कर। 108/2 उक्खलिया-स्थाली / 112 उक्खा-स्थाली। उक्खित्त-लाई हुई, उत्पाटित। 130 उक्खेव-बर्तन आदि को ऊपर उठाना। 96/3 उग्ग-उग्र कुल। 207/3 उग्गम-उद्गम, गृहस्थ से सम्बन्धित 1,53,56, भिक्षा का दोष। 57, 57/1,57/3, 210, 233, 238/1 उग्गहपडिमा-अवग्रहप्रतिमा। 44/2 उग्गोवणा-उद्गोपना। 51,56 उग्घाडित-उद्घाटित। 163/4 उच्चार-मल। 14 उच्छाहित-उत्साहित। उच्छिंदण-उधार लेना। 144/1 उच्छु-इक्षु। 128/1 उज्जाण-उद्यान। उज्जाणपालय-उद्यानपालक। 91/2 उज्जु -ऋजु, सरल। उज्जुग-सीधी रेखा। 171 उज्झित-त्यक्त। 88 उटुंत-उठते हुए। 279 उट्ठाण-अतिसार रोग, दस्त / 86/1 उट्ठिय-उठा हुआ, उत्थित। 132 उडु-नौका, तैरने का काष्ठ। उडूखल-ऊखल। 167 उड्डाह-निंदा, अपभ्राजना। 141 उड्ड-ऊर्ध्व। 169 उण्ह-उष्ण, गर्मी। उण्हवण-उष्णापन, गर्म करना। 104 उत्तार-उतारना / 231/2 उत्तिमंग -सिर। 136/1 उत्तेड-बिन्दु। 17/1 उदउल्ल-पानी से आर्द्र / 243/2 उदग-पानी। उद्दवण-अपद्रावण। उद्दिट्ठ-औद्देशिक दोष का 90/1, एक भेद। 94,116/2 168 152 12 113 62 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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