________________
e
On the pegs are hanging many silvery swings. In every swing there are incense stands made of Vaidurya gems.
The incense vessels are looking like fragrant incense sticks due to attractive fragrance and excellent pleasing smell caused in abundance by burning of black agar, best kundrushk (a fragrant substance used as incense), benzoin and fragrant dhoop. It is pleasant to the mind and nose due to excellent, grand and pleasing small. It is spreading its fragrance in that area. द्वार पर स्थित पुतलियाँ
१२६. तेसि णं दाराणं उभओ पासे दुहओ णिसीहियाए सोलस सोलस सालभंजिया-परिवाडीओ पन्नत्ताओ। __ताओ णं सालभंजियाओ लीलट्ठियाओ, सुपइट्ठियाओ, सुअलंकियाओ, णाणाविहरागवसणाओ, णाणामल्लपिणद्धाओ, मुट्ठिगिज्झसुमज्झाओ, आमेलगजमलजुयल-वट्टिय-अन्भुन्नय पीणरइयसंठिय-पीवरपओहराओ, रत्तावंगाओ, असियकेसीओ मिउविसयपसत्थ-लक्खणसंवेल्लियग्गसिरयाओ ईसिं असोगवरपायवसमुट्ठियाओ वामहत्थग्गहियग्गसालाओ ईसिं अद्धच्छिकडक्खचिट्ठएणं लूसमाणीओ विव चक्खुल्लोयणलेसेहि य अन्नमन्नं खिज्जमाणीओ विव पुढविपरिणामाओ, सासयभावमुवगयाओ, चंदाणणाओ चंदद्धसमणिडालओ, चंदाहियसोमदंसणाओ, उक्का विव उज्जोवेमाणाओ, विज्जघणमिरियसूरदिप्पंत-तेयअहिययरसन्निकासाओ सिंगारागार-चारुवेसाओ पासाइयाओ जाव चिटुंति।
१२६. उन द्वारों की दोनों बाजुओं की निशीधिकाओ (बैठकों) में सोलह-सोलह पुतलियों (शालभंजिका) की पंक्तियाँ बनी हुई हैं।
ये पुतलियाँ विविध प्रकार की लीलाएँ-(क्रीडाएँ) करती हुई प्रतीत होती हैं। वे सब प्रकार के आभूषणों-अलंकारों से शृंगारित मनोज्ञ रूप से स्थित हैं। अनेक प्रकार के रंग-बिरगे परिधानो-वस्त्रों एवं मालाओ से शोभायमान, मुट्ठी प्रमाण (मुट्ठी में समा जाने योग्य) कृश-पतले कटि प्रदेश वाली, शिर पर ऊँचा अंबाड़ा-जूड़ा बाँधे हुए और समश्रेणि में स्थित हैं। वे परिपुष्ट-मॉसल, पीवर-स्थूल पुष्ट पयोधरों वाली, कुछ लालिमायुक्त नयनों वाली, सुकोमल, अतीव निर्मल, शोभनीक सघन घुघराली काली-काली कजरारी केशराशि वाली, उत्तम अशोक वृक्ष का सहारा लेकर खड़ी हुई और बायें हाथ से आगे की शाखा को
*
" *
सूर्याभ वर्णन
(113)
Description of Suryabh Dev
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org