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____ अप्पेगइया. उच्छलेंति, अप्पेगइया. पोच्छौंति, अप्पेगइया. उक्किट्ठियं करेंति,
अप्पेगइया उच्छलेंति-पोच्छलेंति, अप्पेगइया तिन्नि वि। अप्पेगइया. ओवयंति, अप्पेगइया. उप्पयंति, अप्पेगइया. परिवयंति, अप्पेगइया. तिन्नि वि।
अप्पेगइया. सीहनायंति, अप्पेगइया. दद्दरयं करेंति, अप्पेगइया. भूमिचवेडं दलयंति, 3 अप्पेगइया. तिन्नि वि। ___ अप्पेगइया. गज्जंति, अप्पेगइया. विज्जुयायंति, अप्पेगइया. वासं वासंति, अप्पेगइया.
तिनि वि। ___ अप्पेगइया. जलंति, अप्पेगइया. तवंति, अप्पेगइया. पतवेंति, अप्पेगइया. तिन्नि वि। ___ अप्पेगइया. हक्कारेंति, अप्पेगइया. थुक्कारेंति, अप्पेगइया. धक्कारेंति, अप्पेगइया. साइं साइं नामाइं साति, अप्पेगइया. चत्तारि वि।
(घ) इसके अतिरिक्त कितने ही देव हर्षातिरेक से बकरे जैसी बुकबुकाहट करने लगे, कितने ही देवों ने अपने शरीर को फुलाने का दिखावा किया, कितनेक देव नाचने-गाने
लगे।
कितनेक देव हक-हक की आवाजें लगाने लगे, कितनेक गुनगुनाने लगे, कितने ही व तांडव नृत्य करने लगे, कितने ही उछलने के साथ ताल ठोकने लगे और कितने ही ताली
बजाकर उछलने लगे, कितने ही तीन पैर की दौड दौडने लगे, कितने ही घोडे की भॉति हिनहिनाहट करने लगे, कितने ही हाथी की तरह गुलगुलाहट करने लगे, कितने ही रथो की घनघनाहट जैसे घन्-घन की आवाजे निकालने लगे और कितने ही घोडों की हिनहिनाहट, हाथी की गुलगुलाहट और रथो की घनघनाहट जैसी (मिश्रित) आवाजें करने लगे।
कितनेक ने ऊँची छलॉगें लगाई. कितनेक ने और ऊँची छलॉगे लगाई और कितनेक ने ही हर्ष-ध्वनि की। कितने ही उछले, कितने ही विशेष ऊँचे उछले. कितने ही तीनों मिश्रित छलॉगें (उछलना, कितने ही विशेष ऊँचे उछलना तथा हर्ष-ध्वनि करना) ही करने लगे। कितने ही ऊपर से नीचे कूदे, कितने ही नीचे से ऊपर कूदे और कितने ही लम्बे कूदे, कितने ही तीनों प्रकार से कूदे।
कितनेक देवो ने सिंहनाद-सिंह जैसी गर्जना की-दहाड लगाई, कितनेक ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल से रग दिया, कितनेक ने भूमि को थपथपाया और कितनेक ने तीनोंसिंहनाद किया, रग-गुलाल उडाई और भूमि को थपथपाया।
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र सूर्याभ वर्णन ROPPOTHORG
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